CAA (Citizenship Amendment Act 2019) :-सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट 2019 यानी की नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 आजकल यह काफी चर्चा में है यह संशोधन बिल 2019 में लाया गया था तथा लोकसभा सदन में पेश किया गया था वहां से बहुमत से पास होने के बाद इस बिल्कुल राज्यसभा में पेश किया गया जहां पर यह बहुमत से पास हो जाता है और उसके अगले दिन यानी 10 जनवरी 2020 को इस बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल जाती है और यह देश का कानून बन जाता है लेकिन ये कानून तुरंत नहीं लागू किया जाता हैं उस समय देश मे चल रही कोरोना जैसी महामारी से जूझ रहा था 11 मार्च 2024 को मोदी सरकार ने notification जारी कर जनता को इसकी सूचना दी और अब ये कानून पूरे देश मे लागू हो गया
क्या हैं CAA
CAA (Citizenship Amendment Act) नागरिकता संशोधन अधिनियम इस एक्ट के अंतर्गत पाकिस्तान बांग्लादेश अफगानिस्तान से आए बिना किसी दस्तावेज़ कागजात वाली नागरिकों को नागरिकता देने का प्रावधान रखा गया है 31 दिसंबर 2014 से पहले आने वाले पड़ोसी देश पाकिस्तान बांग्लादेश अफगानिस्तान से आने वाले 6 समुदाय के लोग (हिंदू, सिख, जैन, पारसी, ईसाई, बौद्ध) को नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है
CAA के तहत प्रावधान है कि जो लोग 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आकर बसे, उन्हें ही नागरिकता दी जाएगी। इसके तहत उन लोगों को अवैध प्रवासी बताया गया है, जो भारत में वैध यात्रा दस्तावेज (पासपोर्ट और वीजा) के बगैर घुस आए। या फिर ऐसे लोग जो वैध दस्तावेज लेकर भारत में आए मगर तय अवधि से ज्यादा समय तक यहीं (भारत) रुके रहे।
CAA के अंतर्गत किसको मिलेगी नागरिकता
CAA के लागू होने के बाद नागरिकता देने व नागरिकता छीनने का अधिकार सिर्फ केवल केंद्र सरकार के पास में होता है मीडिया के अनुसार बात करें तो (पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश) से आए हिंदू सिख जैन पारसी बौद्ध ईसाई धर्म से जुड़े व्यक्ति जो 31 दिसंबर 2014 से पहले वैध (कानूनी) तरीके से भारत आए उन लोगों को नागरिकता दी जाएगी मीडिया के अनुसार जो अवैध तरीके से आए हुए नागरिकों को नागरिकता नहीं प्रदान की जाएगी.
कैसे बना CAA कानून ?
भारतीय संविधान के आर्टिकल 11 में कहा गया है (संसद) राज्यसभा और लोकसभा मिलकरअपने देश के लिए कानून बना सकती है नागरिकता से संबंधित कानून बनाने काकी शक्ति सिर्फ संसद यानी कि केंद्र सरकार (center goverment) की होती है केंद्र सरकार द्वारा कानून बनाने के बाद सभी राज्यों को इस कानून का पालन करना होता है राज्य सरकार इसे अपने राज्य में लागू करने से मना नहीं कर सकती और ना ही राज्य सरकार को नागरिकता से संबंधित कानून बनाने का अधिकार प्राप्त है सन 1955 में पहली पहली बार नागरिकता कानून बना
अब ऐसे करना होगा आवेदन ?
अब भारतीय नागरिकता लेने के लिए आपको अनलाइन के माध्यम से apply करना होगा इसके लिए भारत सरकार न वेबसाईट जारी कर दी है आवेदक को अपनी जानकारी भरनी होगी जिसके बाद भारत सरकार आपके आवेदन पर मंथन करेगा इसके बाद आपको नागरिकता दे दी जाएगी