April 28, 2024
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क्या है राम मंदिर का इतिहासः आइए जानते हैं राम मंदिर: एक समृद्धि और एकता की नई कहानी

यह लेख एक ऐतिहासिक समय की कहानी है, एक देश के विवादों से लेकर उसके सामृद्धिक और सामाजिक समृद्धि की ओर बढ़ते हुए। इसमें राम मंदिर के निर्माण के पीछे छिपी एक बड़ी सीख है, जिसने भारतीय समाज को एक साथ लाने में मदद की है।

भारत एक ऐसा देश है जिसका इतिहास धार्मिक और सांस्कृतिक समृद्धि से भरपूर है। इसी भूमि पर रामायण और महाभारत की कहानियाँ आज भी हमारी जीवनशैली को मोल देती हैं। इसी भूमि पर बड़े-बड़े धार्मिक स्थल हैं, जो हर वर्ग, जाति, और धर्म के लोगों के लिए महत्वपूर्ण हैं। और इसी भूमि पर एक ऐतिहासिक घटना घटी – राम मंदिर के निर्माण का मुद्दा।

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बाबरी मस्जिद की ध्वस्ति:

1992 में हुई बाबरी मस्जिद की ध्वस्ति ने एक समृद्धि की ऊँचाई पर चढ़ाई और देश में बड़ी उथल-पुथल मचा दी। इस घटना के बाद, भारत में धार्मिक और राजनीतिक समृद्धि के चरम पर एक नया युग शुरू हो गया। यह एक ऐसा समय था जब देश के लोग विभाजित हो गए और एक बड़े विवाद के बारे में बातचीत कर रहे थे।

 

इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला (2010):

2010 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अयोध्या के राम जन्मभूमि स्थल पर एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। इसमें भूमि को तीन हिस्सों में बाटा गया – एक हिस्सा मंदिर के निर्माण के लिए, दूसरा मस्जिद के लिए और तीसरा निर्मोही अखाड़ा को दिया गया। यह फैसला दोनों पक्षों के बीच विवाद को शांति से सुलझाने की कवायद का हिस्सा बना।

 

सुप्रीम कोर्ट का फैसला (2019):

विवाद के चरम पर पहुंचते हुए, 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला सुनाया कि अयोध्या के राम जन्मभूमि स्थल पर एक मंदिर बनना चाहिए, जबकि मस्जिद के लिए अलग स्थल का आवंटन किया गया। यह फैसला देशवासियों के बीच अधिकांशत: स्वागत किया गया, जो एक सामंजस्यपूर्ण और विशेष तरीके से समझदार निर्णय का होना एक नए भारत की शुरुआत की ओर पहुंचा रहा था।

 

भूमि पूजन और निर्माण (2020):

5 अगस्त 2020 को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में भूमि पूजन किया और राम मंदिर के निर्माण का प्रारंभ किया। यह दिन एक नए भारत के लिए एक महत्वपूर्ण कदम की शुरुआत थी, जिसमें एक सांस्कृतिक और धार्मिक स्थल का निर्माण हुआ, जो लोगों को एक साथ लाने का कारगर तरीका बना।

 

नई शुरुआत:

राम मंदिर के निर्माण के साथ, एक नया युग आरंभ हुआ। यह एक ऐसा स्थल है जिसमें भारतीय समृद्धि और एकता की नई कहानी लिख रहा है। राम मंदिर का निर्माण ने दिखाया कि भारतीय जनता किसी भी विवाद को शांति और सामंजस्यपूर्णता के साथ हल कर सकती है, और यह एक साझा धार्मिक स्थल को समर्थन देने की प्रक्रिया में उनका सहयोग कर सकती है।

एकता का संकेत:

राम मंदिर का निर्माण एकता का संकेत है। इसमें सांस्कृतिक और धार्मिक समृद्धि के साथ-साथ भारतीय समाज की एकजुटता का भी परिचायक है। भारत एक ऐसा देश है जिसमें विभिन्न धर्म, भाषा, और संस्कृतियों का समृद्ध है। राम मंदिर के निर्माण का संदेश है कि इस विविधता के बावजूद हम एक-दूसरे के साथ एकता और समरसता में रह सकते हैं।

 

राम मंदिर: समर्थ भारत की ओर

  1. ऐतिहासिक सफलता: भगवान राम के जन्मस्थल पर बनने वाला मंदिर एक ऐतिहासिक सफलता है, जो हमारी संस्कृति और ऐतिहासिक विरासत को मजबूती से जोड़ रहा है।
  2. धार्मिक एकता: राम मंदिर निर्माण के माध्यम से हम सभी धर्मों के बीच एकता और समरसता की ओर कदम बढ़ा रहे हैं।
  3. स्थानीय विकास: इस परियोजना के माध्यम से स्थानीय समुदायों को रोजगार का एक स्रोत प्राप्त हो रहा है, जिससे स्थानीय विकास को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
  4. प्रेरणा स्रोत: राम मंदिर का निर्माण एक प्रेरणास्त्रोत है जो हमें महात्मा गांधी की सोच और स्वदेशी आंदोलन की भावना से जोड़ रहा है।
  5. समृद्धि का केंद्र: राम मंदिर एक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक केंद्र के रूप में समृद्धि और समृद्धि की ओर एक प्रमुख कदम है।
  6. विश्व स्तर पर पहचान: इस प्रोजेक्ट से हमारे देश को विश्व में एक महत्वपूर्ण रूप से पहचान मिल रही है, जो हमें विश्व स्तर पर उच्चतम स्थान पर स्थापित करेगी।

 

अयोध्या राम मंदिर का उद्घाटन: 22 जनवरी, 2024: राम मंदिर का उद्घाटन

22 जनवरी, 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के इतिहास में एक नया अध्याय लिखा जब उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन किया। इस अद्वितीय पर्व के दौरान, राम लला की मूर्ति का ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह भी आयोजित हुआ, जिसने एक नए आध्यात्मिक और सांस्कृतिक युग की शुरुआत की।

राम लला की मूर्ति में ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह ने नहीं सिर्फ एक धार्मिक आयोजन का परिचय दिया, बल्कि उसने मूर्ति में जीवन के संचार को साकार किया। इस कार्यक्रम के माध्यम से 7,000 से अधिक गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया, जो इस महत्वपूर्ण मोमेंट को और भी सांस्कृतिक बनाने में सहायक रहे।

इस घड़ी में, यह साबित हुआ कि राम मंदिर निर्माण भारत की सांस्कृतिक और राष्ट्रीय मील का पत्थर है। इस पूजनीय क्षण ने विश्व को यह दिखाया कि भारत एक समृद्ध और ऐतिहासिक धार्मिक सांस्कृतिक विरासत के धरोहर में सुगमता से आगे बढ़ रहा है।

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